हम अपने आज के इस Article में Grapevine Communication in Hindi (Grapevine Communication क्या है ?) के बारे में पढ़ेंगे। इस Article में पढ़ेंगे What is Grapevine Communication in Hindi (Grapevine Communication in Hindi क्या है ?), Types of Grapevine Communication in Hindi (Grapevine Communication के प्रकार ), Advantages of Grapevine Communication in Hindi (Grapevine Communication के लाभ ), Disadvantages of Grapevine Communication in Hindi (Grapevine Communication की हानि )
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Grapevine Communication in Hindi
अब सबसे पहले हम पढ़ते है, की What is Grapevine Communication in हिंदी Grapevine Communication क्या है ? ये आप नीचे पढ़िए।
What is Grapevine Communication in Hindi
जैसे की हम जानते है, किसी Organization में Organization के सदस्यों के साथ जब Unofficial Communication होता है। तो इस Communication को informal Communication कहते है।
“जब किसी संगठन Organization के सदस्यों के बीच सामाजिक संपर्क के परिणामस्वरूप विचारो और सूचनाओं का आदान प्रदान होता है। तो इस Communication को Grapevine Communication कहते है।”
Grapevine एक ऐसा Communication है , जिसके द्वारा Unstructured Communication करते है और ये हमें वांछित परिणाम देता है। जैसे की – किसी Team के साथ काम करते हुए वह संचार करना जिसकी कोई पूर्व योजना नहीं है।
ऐसा माना गया है की Grapevine शब्द की उत्पत्ति अमेरिकी गृह युद्ध से हुई थी। जब पेड़ो के बीच Telegraph Lines ढीली थी और सैनिको ने कहा तार एक Grape जैसा है।
किसी संगठन में informal Communication को Grapevine Communication इसलिए कहा जाता है। क्युकी, Informally (अनौपचारिक ) रूप से सम्प्रेषित Message का पता लगाना इतना आसान नहीं होता है। ये एक प्रकार से छिपके से धीरे से किया गया Communication होता है।
Types of Grapevine Communication in Hindi
मुख्य रूप से Grapevine Communication 4 प्रकार के होते है।
- Single Strand Chain
- Gossip Chain
- Probability Chain
- Cluster Chain
1. Single Strand Chain
वो Communication जो Single Chain Transmission का पालन करता है, Single Strand Chain कहलाता है। उदाहरण – मान लो किसी Company में एक नया कर्मचारी आने वाला है, तो यदि पहले A को पता चलता है। तो वो B को बताएगा और B C को बताएगा। इसी तरह ये आगे चलता रहेगा।
2. Gossip Chain
Gossip chain में Organization का एक सदस्य किसी भी जानकारी को खोजता है। उसके बाद संगठन के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी देता है, राय लेता है।
3. Probability Chain
Probability Chain इस प्रकार की Chain है। जिसमे एक व्यक्ति सभी नियमो के साथ तथा सभ्यता ढग से एक ही बात सभी को समझता है। और वे इसके बारे में आगे बताते है।
4. Cluster Chain
इसमें एक व्यक्ति किसी भी जानकारी को सिर्फ Selected Person को बताता है। और वे Selected person उस जानकारी को अन्य selected person को बताते है। इसी तरह ये चलता रहता है। अधिकांश संगठन Management में सूचना संचार इसी chain के द्वारा होता है।
Advantages of Grapevine Communication in Hindi
नीचे Grapevine Communication के सभी Advantages के बारे में बताया गया है।
Social Relations
Grapevine Communication के द्वारा Organization के सदस्यों के बीच एक अच्छा Relationship बनता है। कर्मचारियों में मित्रता बढ़ती है। जिससे वो एक दुसरे के करीब हो जाते है।
Quick Feedback
Grapevine Communication से फैली किसी भी अफवाह को तुरंत पता लगाया जा सकता है। ये अफवाह कहा से शुरू हुई।
Portage Quickly
इसका मतलब जब Grapevine Communication होता है, तो दुसरे लोगो की जानकारी हमें बहुत जल्दी मिलती है। इसी तरह एक दुसरे की अच्छी आदते बुरी आदते सभी को पता रहती है।
Avenue of Expression
Grapevine Communication से व्यक्ति अपने दिल में छिपी बातो को बिना किसी से डरे हुए कह सकता है। क्युकी ये शांत जगह में होता है।
Disadvantages of Grapevine Communication in Hindi
Grapevine Communication की बहुत सी Limitation है। जिनको आपको ध्यान में रखकर ही Communication करना चाहिए। नहीं तो, Communication बहुत ही Dangerous साबित हो सकता है।
1. Incomplete Information
इसमें Incomplete information फ़ैलने के बहुत ही ज्यादा अधिक मौके रहते है। क्युकी यदि किसी कर्मचारी को incomplete information है। फिर भी वो लोगो के बीच फ़ैल जाती है।
2. Personal Verification
Grapevine Communication के द्वारा लोगो का चरित्रहनन तथा बदनामी हो सकती है।